मैंने बोला बस आज कहीं तुम छुप जाओ,
मेरे यार को घर तो आने दो |
आज फूलों की बगिया ने पूछा, बोलो मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने बोला बस आज तुम मुरझा जाओ,
मेरे यार की खुशबू आने दो |
आज सागर की लहरों ने पूछा, बोलो मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने बोला बस आज लहरों को समेट लो,
मेरे यार के निशाँ छूट जाने दो |
आज रंग बिरंगी तितलियों ने पूछा , बोलो मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने बोला बस आज तुम बेरंग हो जाओ,
मेरे यार के रंग घुल जाने दो |
आज चाँद की चांदनी ने पूछा. बोलो मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने बोला बस आज तुम कहीं न जाओ,
मेरे यार का दीदार हो जाने दो |
आज पूछा उस खुदा की खुदाई ने, बोलो मुझसे क्या चाहते हो?
मैंने बोला बस आज की रात रुक जाओ,
मेरे यार की तस्वीर दिल में समाने दो |
4 comments:
like it ... like it ...like it ...
thanks!
I like people whose mind think with the proper linkage of heart........nice
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