Tuesday, June 7, 2011

Open letter to PM

< While coming back from office today, I was listening to the radio. There was this funny guy on one of the stations who had something to say to the PM and man! was he hilarious? 
I manage to remember a few of his jokes and added a couple of quips of mine to write an "Open" letter to the PM. I wish i could remember all he said.Just to be clear, the ideas and statements here are not all mine.
Hope you find it hilarious as well. And all in good humor, nothing personal>
Here it goes,

 
आदरणीय "मौन" मोहन सिंह जी,
मूक ऑफिस,
खामोश गली,
सौ साल पुरानी दिल्ली -01|

रात को आपके आर्डर पे, अरे नहीं नहीं ऐसा मज़ाक आपसे नहीं करते, किसी फौरेन एक्सेंट में आये आर्डर पे, पुलिस  वालों  का ऐसा आम आदमी यानि की  Mango man पे लाठीचार्ज करना "ये अच्छी बात नहीं है"|

कल जो डांडिया उन्होंने लोगों के साथ खेला है उससे उनकी आशाएं, पंडाल और पैर, सब तोड़ दिए गए |
और ये बात समझ नहीं आई की पुलिसवालों की रात को आने की क्या वजह थी, दिन में ऐसी कौनसी UV किरणों का उन्हें खतरा था या sun-tanning के डर से वे रात में आये | वैसे कौनसा बड़ा चाँद जैसा खिलते हैं वो | कोई भी fair एंड unhandsome क्रीम लगा के आ जाते जिसमे SPF above 40 होता तो भी काम बन जाता और हमारी, वहां present लोगों की, उनकी खुद की भी नींद खराब नहीं होती या आपकी पुलिस में batman हैं जो सिर्फ रात में ही निकलते हैं | 

कल उन्होंने जो tear gas के गोले mango people पर फेंके हैं उनसे वो mango से mosquito बन गए थे और mosquito की ही तरह आनन् फानन में तितर बितर हो गए | उस गैस की वजह से निकले आंसू दिन भर हमारी आँखों से निकलते रहे जब इन टीवी चैनल वालों ने बाबा के हाई जम्प का footage तेरह  हज़ार नौ सौ पांच बार दिखा दिखा कर हमें "मार डाला, अल्लाह, मार डाला" |

पर फिर भी आपके "लबों से लबों तक " एक भी शब्द नहीं फूटा और कपालभारती सिब्बल, दुशासन, धनुरासन और पता नहीं कितने आसनों ने कल से जो ज़हर टीवी पे डाला है उसका diarrhea सारे न्यूज़ चैनल वालों में फ़ैल गया है, जिसके चलते हर गली, गूचे और नुक्कड़ के प्रोफेस्सर इन टीवी चैनलों की शोभा डे बढाने ना जाने कहाँ कहाँ से आ रहे हैं और असली issue से तो divert कर-कर के कर-कर के  ये भी भुला दिया की असली issue क्या था | बाबा रामदेव इस बात से  especially नाराज़ हैं | पहले अन्ना हजारे जी ने भी ऐसा ही किया उनके साथ, उनकी limelight छीन ली, जिसके चलते ये पूरा ड्रामा शुरू हुआ | और अन्ना हजारे जी की बात आ ही गई है तो ये बताइए की  जब वे अपने supporters के साथ जंतर मंतर पे "हम्मा हम्मा " कर रहे थे तब भी आपका मौन व्रत नहीं टूटा, "मौन" मोहन सिंह जी | In fact, ये जो नया फैशन आया है fast रखने का इसके trend-setter तो आप ही हैं , जब सात साल पहले आपने एक मौन व्रत रखा था जो by god की कसम आज तक नहीं टूटा...क्या determination है..वाह |

हम सोचते ही रह गए की इस बार तो इस नीले आसमान के नीचे, किसी नीली पगड़ी के अन्दर के कुछ विचार हमें सुने को मिलेंगे या और कुछ नहीं तो कोई Italian, हिंदी में translated speech, पढ़ते हुए नज़र आएँगी पर इस बार तो ऐसा भी कुछ नहीं हुआ |

और हाँ, आशा है इन सब बातों का आप बुरा नहीं मानेंगे |
अंत में एक responsible भारतीय नागरिक होने के नाते एक suggestion देना चाहूँगा, की इस बार ओलिम्पिक्स  में भेजने के लिए  बाबा रामदेव के रूप में आपको एक नया उभरता सितारा मिल गया है ...इस पूरे घटना क्रम में एक positive बात तो  उभर के आई है की हाई जम्प में गोल्ड मेडल भारत से कोई नहीं छीन सकता इस बार| सुना है कल बाबा जी बेबी की तरह पंद्रह फीट नीचे कूद गए | :-o

अंत में यही बोलना चाहूँगा की "बोलने से नहीं होता,करने से होता है "| पर आपके केस में तो आप बोलते भी नहीं हैं.. :(

आपका आभारी,
आम आदमी,
The Mango man.
दिल्ली-06

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